मंगलवार, 6 जुलाई 2010

भारतीय राजदूतावास द्वारा ऐल्ते विश्वविद्यालय में संचालित कक्षाओं व भारतीय सांस्कृतिक व्याख्यानमाला का समापन समारोह




बुदापैश्त- 10 जून 2010 को बुदापैश्त स्थित भारतीय राजदूतावास के प्रांगण में दूतावास द्वारा आयोजित सांध्यकालीन कक्षाओं व भारतीय सांस्कृतिक व्याख्यानमाला के इस अकादमिक सत्र के समापन समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महामहिम गौरीशंकर गुप्ता ने छात्रों को प्रमाणपत्र प्रदान किए। हिंदी कक्षाओं का आयोजन ओत्वोश लोरांद विश्विद्यालय में भारोपीय विद्या अध्ययन विभाग की अध्यक्षा डॉ. मारिया नेज्यैशी के सहयोग से आयोजित किया जाता है।

इस अवसर पर महामहिम गौरीशंकर गुप्ता ने उपस्थित हंगारी व भारतीय जन समूह को संबोधित करते हुए भारत हंगारी संबंधों की चोमा कोरोश से प्रारंभ लंबी परंपरा की चर्चा करते हुए विभागाध्यक्ष मारिया नेज्यैशी और डॉ. प्रमोद कुमार शर्मा के कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा की महामहिम जी ने हंगारी लोगों में बढ़ते हिंदी और भारतीय संस्कृति प्रेम की चर्चा करने के बाद हंगरी में व्यापक होते हिंदी के दायरे को सराहा और हंगरी में हिंदी के विस्तार के लिए हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया। उन्होंने घोषणा की कि अगले सत्र से दूतावास संचालित कक्षाओं का आयोजन नव निर्मित सांस्कृतिक केंद्र में किया जाएगा।

इसके बाद छात्रों ने पुष्प गुच्छों से महामहिम जी, दूतावास के कार्यक्रम से संबद्ध कर्मचारियों आदि का स्वागत किया। विभाग के अतिथि प्राचार्य ने भित्ति-पत्रिका प्रयास के छठे अंक की प्रतिलिपि महामहिम जी को भेंट की।

इस कार्यक्रम का एक आकर्षण था हंगरी के प्रसिद्ध उपन्यासकार फैरैन्त्स मोलनार के लोकप्रिय हंगेरियन किशोर उपन्यास पॉल स्ट्रीट फिऊकके एक अंश पुटी क्लबका हिंदी में मंचन। इसका अनुवाद एवं नाट्य-रूपांतरण अतिथि प्राचार्य ने किया था। नाटक के पात्रों वैईस, कोल्नई, प्रो. रात्स द्वारा हिंदी में बोले गए संवादों ने दर्शकों के साथ-साथ महामहिम जी का भी मन मोह लिया।

कार्यक्रम का संचालन मारिया नेज्यैशी ने हंगेरियन भाषा में किया था। आशु अनुवाद का काम दानियल बलोग ने किया था।

कार्यक्रम के बाद भारतीय जलपान की व्यवस्था की गई थी। हंगेरियन लोग भारतीय व्यंजनों के दीवाने हैं।

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