शुक्रवार, 8 अप्रैल 2011

मृत्यु भारत में और हंगरी में

बैत्तिना बकोश

आजकल मैं मौत के बारे मैं बहुत कुछ सोच रही हूँ और अपनी माताजी से कई बार बातचीत करती हूँ, क्योंकि दादीजी बहुत बीमार हैं. 

हमारे देश में दफ़न कब्रिस्तान में होता है,सब लोग बहुत दुखी और बहुधा रोने लगते हैं. हंगेरियन लोग सोचते हैं कि जीवन मौत के साथ खत्म हो गया है. इसके प्रतिकूल हिंदू धर्म में मृत्यु के बाद तुरंत गंगा तट पर  दाह संस्कार किया जाता है. इस संस्कार में आग की महत्त्वपूर्ण भूमिका है, जो मृत का सबसे बड़ा पुत्र जलाता है, फिर वे खाना खाते हैं. भारतीय लोग पुनर्जन्म में विश्वास करते हैं. जहाँ तक मेरा सम्बन्ध है, मैं मौत के विषय में भारतीय रूप में सोचना चाहती हूँ.  

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