शुक्रवार, 8 अप्रैल 2011

उड़ो मेरे जहाज न डरो मेरे जहाज

यंका जोबोकि

हंगेरियन कविता में एक सबसे बड़े कवि ऐन्द्री अदि हैं.उन्होंने आधुनिक हंगेरियन साहित्य बनाया.
ये उन्नीसवीं और बीसवीं सदी के कवि हैं.लोगों ने उन पर आक्रमण किया, उनके बारे में कहा कि:
अदि अधर्मी है
उसका प्यार पवित्र नहीं है
उसे उसकी जन्म भूमि पसंद नहीं करती.
लोगों ने उसकी कविता को नहीं समझा.लेकिन उसके लिए उसका देश हंगरी बहुत महत्त्व पूर्ण था.
उसकी प्रेमिका लेदा थी.लेदा का पति भी था.अदि और लेदा का रिश्ता ...था.कभी वे एक दूसरे की आराधना करते कभी वे एक दूसरे को घृणा करते.
उसकी एक अन्य अनुरागी चिन्सका थी.यह अदि की एक प्रशंसक थी.अदि बीमार थे पर चिन्सका के पास आराम से रहते थे.
अदि कवि ही नहीं बल्कि पत्रकार भी था.उसका काम बड़ा है और उसकी कविता में संगीत है.
जब मैं अदि को पढती हूं तो अपने को भाग्यवान समझती हूं,क्योंकि मैं हंगेरियन हूं.

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