लीविया त्रैशत्यांस्कि
एक दिन कक्षा में बातचीत का विषय था कि क्या बचपन हमारे जीवन का सबसे अच्छा समय है? इस विषय पर मुख़्तलिफ़ ख्याल थे.
मेरे विचार से हमारे जीवन में बचपन सबसे अच्छा समय है, क्योंकि जब हम छोटे बच्चे हैं, तो हमें बहुत तकलीफ नहीं है, माता-पिता बहुत काम करते हैं, इसलिए हमारे पास सब लाज़िमी चीज़ है. बच्चों को शायद सिर्फ स्कूल जाना मुश्किल होता है, मैं सोचती हूँ कि बचपन मस्त समय है.
पेतैर सालैर के विचार से जब हम बच्चे हैं, तब हमेशा बड़े होना चाहते हैं, लेकिन जब हम बड़े हैं, तब बच्चे होना चाहते हैं.
दियाना सोचती है कि बचपन अच्छा है, पर सबसे अच्छा नहीं है. जब वह बच्ची थी, वह हमेशा अपनी माताजी व बड़ी बहन की तरह होना चाहती थी.
अनिता भी सोचती है कि बचपन भला तो है, लेकिन बचपन में वह अपने भाई से बहुत लड़ाई करती थी, लेकिन अब लड़ाई नहीं होती, इसलिए यह जीवन अच्छा है.
किराय पेतैर अपने बचपन में अपने दादा-दादी के पास गाँव में बहुत वक़्त बिताता था, उसको बचपन पसंद था.
लौरा को बचपन बहुत पसंद नहीं है, क्योकि उसके बचपन में हंगरी बहुत अलग था. गाँव में उसके पास बहुत दोस्त नहीं थे और वह ऊबी थी.
सब लोग बचपन के बारे में भिन्न सोचते हैं, पर यह तो सच है कि सब लोगों की जिंदगी में बचपन महत्त्वपूर्ण है,
एक दिन कक्षा में बातचीत का विषय था कि क्या बचपन हमारे जीवन का सबसे अच्छा समय है? इस विषय पर मुख़्तलिफ़ ख्याल थे.
मेरे विचार से हमारे जीवन में बचपन सबसे अच्छा समय है, क्योंकि जब हम छोटे बच्चे हैं, तो हमें बहुत तकलीफ नहीं है, माता-पिता बहुत काम करते हैं, इसलिए हमारे पास सब लाज़िमी चीज़ है. बच्चों को शायद सिर्फ स्कूल जाना मुश्किल होता है, मैं सोचती हूँ कि बचपन मस्त समय है.
पेतैर सालैर के विचार से जब हम बच्चे हैं, तब हमेशा बड़े होना चाहते हैं, लेकिन जब हम बड़े हैं, तब बच्चे होना चाहते हैं.
दियाना सोचती है कि बचपन अच्छा है, पर सबसे अच्छा नहीं है. जब वह बच्ची थी, वह हमेशा अपनी माताजी व बड़ी बहन की तरह होना चाहती थी.
अनिता भी सोचती है कि बचपन भला तो है, लेकिन बचपन में वह अपने भाई से बहुत लड़ाई करती थी, लेकिन अब लड़ाई नहीं होती, इसलिए यह जीवन अच्छा है.
किराय पेतैर अपने बचपन में अपने दादा-दादी के पास गाँव में बहुत वक़्त बिताता था, उसको बचपन पसंद था.
लौरा को बचपन बहुत पसंद नहीं है, क्योकि उसके बचपन में हंगरी बहुत अलग था. गाँव में उसके पास बहुत दोस्त नहीं थे और वह ऊबी थी.
सब लोग बचपन के बारे में भिन्न सोचते हैं, पर यह तो सच है कि सब लोगों की जिंदगी में बचपन महत्त्वपूर्ण है,
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