भारत में बीसवीं शतब्दियों में बहुत से परिवर्तन हुए थे। नयी व्यवस्था, नयी व्यापार प्रणाली, नया समाज और एक नया देश पैदा हुआ था। स्वतंत्रता प्राप्त करने से पहले भारतीय लोगों ने देखा कि अंग्रेज़ी वस्तुओँ से मुक्त होकर अपना नया भारत बनाना चाहिए। उन्होंने विदेशी वस्तुएँ छोड़कर बिल्कुल भारतीय चीज़ें ढूँढ़ना शुरू किया। यह स्वतंत्रता आंदोलन का एक महत्त्वपूर्ण विचार था। यह खयाल कला में भी प्रकट हुआ था। सब कलाकार कला विधाओं में भारतीय परंपरा के आधार पर आधुनिक कला बनाना चाहते थे। कलाओँ में एक नयी विधा पैदा हुई थी नृत्य। साहित्य में भी बदलाव हुआ था, प्रेमचंद से लेकर नयी कहानी आंदोलन तक सब साहित्य बदलने की कोशिश करते रहे थे। चित्रकला भी इसका अपवाद नहीं थी।
आधुनिक भारतीय चित्रकला के बारे में हम बीसवीं शताब्दी की शुरूआत से बोल सकते हैं। उसी समय अलग अलग ढंग से तीन कलाकारों ने आधुनिक भारतीय चित्रकला का आधार स्थापित किया। ये अग्रदूत रबिंद्रनाथ टैगोर, जामिनी राय और अमृता शेर-गिल थे।
इनमें से मेरी प्रिय चित्रकार अमृता शेर-गिल है. वह एक आधी भारतीय और आधी हंगेरियन लड़की थी। उसकी शैली तत्कालीन कलाकारों से बिलकुल अलग थी, बिना आदर्श बनाये यथार्थ चित्र बनाती थी। वह बिलकुल भारतीय चित्रकार थी पर उनकी भारतीयता जामिनी राय या रबिंद्रनाथ टैगोर की भारतीयता से अलग थी। उनकी दुलहन का वस्त्र धारण नामक चित्र देखिए आप कहेंगे कि यह एक असली भारतीय तस्वीर है। पर अगर आप गहन दृष्टि से देखेंगे तो आपकी समझ में आएगा कि भारतीय तत्वों के अलावा इस चित्र में कुछ और भी है। यह चित्र योरोपीय शैली से भी उभरता है। यही है अमृता शेर-गिल की विशिष्टता। उसने अपनी शिक्षा योरोप में प्राप्त की थी, और भारत जाकर भारतीय कला को परखा और एक असली अंतर्राष्ट्रीय कलाकार बनी। उसकी शैली भारत में बिलकुल नयी थी, उसकी तस्वीरों की अर्थवत शक्ति प्रभावशाली रेखाचित्र और नायकों के मुद्राचित्रण में है। इन चित्रों में नायकों का सक्रियतावाद महत्त्वपूर्ण नहीं है, इनमें प्रमुख भूमिका प्रतीक्षा और तैयारी निभाती है। इस तरह की शैली, इससे पहले न योरोप में न भारत में कहीं होती थी। अमृता शेर-गिल ने देखा कि भारतीय चित्रकला को योरोपीय तकनीक चाहिए, पर अपने अपने मूल स्वरूप को भी याद रखना चाहिए। उन्होंने योरोपीय और भारतीय चित्रकला के बीच सामंजस्य जो सांजस्य स्थापित किया वह उससे पहले कोई और नहीं कर सका था। एक आधी भारतीय और आधी हंगेरियन लड़की जिसने योरोपीय और भारतीय कला में भी बिलकुल नयापन बिखेरा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें