--अत्तिला सबो (द्वितीय वर्ष)
अगर मैं धनवान होता तो मैं सबसे पहले दरिद्र लोगों की मदद करता। मैं उन्हें कुछ पैसा देता तथा इनके लिए इमारतें बनवाता- जैसे स्कूल, अस्पताल, चर्च, आरामगाह आदि। मैं प्रदूषण फैलाने वालों के साथ लड़ाई लड़ता। मैं तरह-तरह के युद्ध भी खत्म करवाता। मैं अनेक देशों की यात्रा करता। मैं एक बहुत बड़ा द्वीप खरीदता, वहाँ तीन बड़े-बड़े महल बनवाता। पहला महले मैं अपने परिवार के लिए बनवाता, दूसरा छोटी अनीता के लिए और तीसरा मैं अपने लिए बनवाता। उन महलों में बहुत कमरे होते, जिनमें मैं मेहमानों को ठहराता।
मैं चाँद की पूरी ज़मीन भी खरीदता। मैं दुनिया में सभी लोगों को बातचीत करने के लिए संस्कृत सिखवाता। मैं महाभारत की कहानी पर आधारित एक कंप्यूटर खेल बनवाता। मैं एक फिल्म स्टूडियो खरीदता और उसमें सिर्फ संस्कृत की फिल्में बनवाता।
मैं एक टक्सीडो सूट भी बनवाता। मैं अपने सूट का प्रयोग रात को अपराधियों को दंड देने के लिए करता।
अत्तिला भगवान आपको और भी धनवान बनाएगा बहुत अच्छा लिखा आपने...."
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