इस्ताफी दैनियल--
हंगरी में रोजगार का क्षेत्र सारी दुनिया जैसा है। आजकल की सारी दुनिया आर्थिक संकट की हालत में है। इस कारण से नौकरी मिलने की संभावना भी कम होती जा रही हैं। सारी दुनिया में बेरोजगारी का प्रतिशत बढ़ता जा रहा है। ऐसा लगता है कि निकट भविष्य में परिवर्तन भी नहीं होगा। हंगरी में बेराजगारी प्रतिशत लगभग 10.5 है। यह संख्या बहुत अधिक है। इसका मतलब है कि नौकरी कर सकनेवाले हर दसवे व्यक्ति को नौकरी नहीं मिल पाती।
इस प्रवृत्ति का शिकार युवा लोग होते हैं, क्योंकि मालिक युवा लोगों को नौकरी नहीं देना चाहते। क्यों? क्योंकि युवा लोगों को नौकरी का कोई अनुभव नहीं होता। युवा लोगों को काम में लगाने का कोई फायदा नहीं है। सरकार को समझ में आया कि यह प्रवृत्ति बहुत बुरी है। उसने इस प्रवृत्ति में बदलाव किया। अगर एक मालिक युवा को नौकरी में रखता है, तो उसका कर कुछ कम हो जाएगा।
यदि आजकल की दुनिया में आर्थिक संकट नहीं होता, तो सबसे लोकप्रिय, सबसे अच्छे रोजगार क्या-क्या होते? इस क्षेत्र में भी हंगरी पूरे विश्व जैसा ही है। यहाँ भी वे रोजगार प्रिय हैं जिनमें लोग पैसा अधिक कमा सकते हैं। हंगरी में अर्थशास्त्री, इंजीनियर और वकील होना बहुत अच्छा है। हंगरी में एक अजीब हालत भी है, सबसे आवश्यक नौकरी करनेवाले लोगों को सबसे कम पैसे मिलते हैं। ये रोजगार आमतौर पर संसार से संबंधित होते हैं, जैसे डॉक्टर, अध्यापक, नर्स वगैरह। उनके लिए पैसे संसार से कम मिलते हैं, पर संसार का बजट बहुत कम है। ऐसे हालातों में बड़ी समस्या है क्योंकि एक देश के दो आधारभूत क्षेत्र शिक्षण और स्वास्थ्य वाली पद्धति है। अगर कोई भी डॉक्टर और अध्यापक नहीं बनना चाहता है तो कुछ वर्षों बाद हंगरी में बहुत बड़ा संकट होगा। हमारे सबसे अच्छे डॉक्टर पश्चिमी देशों में काम करने लगे हैं, अध्यापकों को पढ़ाने में कोई अभिप्रेरणा नहीं है।
हंगरी में रोजगार के क्षेत्र की स्थिति बुरी है। अब सब लोग चुनाव का इंतजार करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि अगली सरकार रोजगार के क्षेत्र में सुधार करेगी।
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