बुधवार, 14 अप्रैल 2010

मैं, पेच और भारत

--सुजन ओर्बान

मेरा नाम सुजन ओर्बान है। मैं पेच विश्व- विद्यालय में अर्थ विशेषज्ञ विषय पढ़ती हूँ। मैं चौथे साल की छात्रा हूँ। मैं जर्मन भाषा बोलती हूँ। पेच हंगरी का चौथा बड़ा नगर है। यह हंगरी के दक्षिणी-पश्चिमी भाग में स्थित है। यह एक सुंदर नगर है। इसका सांस्कृतिक जीवन बहुत अच्छा है। पेच का विश्वविद्यालय देश में सबसे पुराना है। उसकी स्थापना छङ सौ साल पहले हुई थी। आज इसमें अनेक संकाय हैं- अर्थस चिकित्साशास्त्र, न्याय शास्त्र, प्रकृति शास्त्र, इंजीनियरिंग, संगीत और कला आदि। इसका एशिया केंद्र प्रकृति संकाय के भौगोलिक विभाग में है। इसमें हम कुछ एशियाई देशों की भाषाएँ, संस्कृति और भूगोल पढ़ सकते हैं। उदाहरण के लिए चीनी जापानी, इंडोनेशियाई, तुर्की व हिंदी।

मैंने भारत के बारे में बहुत किताबें पढ़ी हैं। मुझे भारत की प्राकृतिक सुंदरता और पुरानी संस्कृति बहुत पसंद है। मैं हिंदी भाषा से भी बहुत प्यार करती हूँ। मेरी इच्छा है कि मैं एक दिन भारत जाऊँगी और वहाँ अच्छी तरह से हिंदी पढ़ूँगी।

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