बुधवार, 14 अप्रैल 2010

अगर मैं राष्ट्रपति होती

--अनीता लेवार्दी

अगर मैं स्लोवाकिया की राष्ट्रपति होती तो कई मायनों में अपने देश को बदलती। मैं अपने देश को सचमुच अच्छा देश बनाती। मैं संसद-सदस्य बनाने के लिए अच्छे लोगों का चुनाव करती। मैं हंगरी और स्लोवाकिया के संबंधों का विवेचन करती और उन्हें अच्छा बनाती। मैं यूरोपियन संघ के अर्थशास्त्र पर भी असर डालने की कोशिश करती। मैं उत्सवों को शानदार ढंग से मनवाती। मैं लोगों की प्रतिक्रिया पर विचार करती। मेरा देश मेरे देश के लोगों के लिए उबाऊ नहीं होता। जब कोई प्रश्न पूछता, मैं उसका समाधान करती। मैं काम करनेवालों और न करनेवालों में अंतर करती। मैं बेरोजगार लोगों को भत्ता नहीं देती, मैं काम ही देती। मैं पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देती। क्रिसमस पर पूरे देश की जनता को उपहार देती। मैं देश की सभी बदसूरत और गंदी इमारतों को साफ करवाती।

लोग मेरे विरोध में जुलूस नहीं निकालते क्योंकि मैं अच्छे काम ही करती। मैं अपनी जेबें नहीं भरती। मैं न खुद रिश्वत लेती न ही दूसरों को लेने देती। मैं ईमानदारी से काम करती । मेरे देश में भ्रष्टाचार नहीं होत। मैं प्रदूषण को खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाती। मैं कर कम करती। मेरे देश में कोई घोटाला नहीं होता।

सच बताऊँ तो मैं मानती हूँ कि मैं एक अच्छी राष्ट्रपति होती, मैं तानाशाह नहीं।

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