मंगलवार, 11 मई 2010

क्रिसा विला

कार्पाति मैलिंदा--

बालाटोन के किनारे पर फोन्योद में यह एक छोटा सा संग्रहालय है। यह एक गुलाबी रंग की सुंदर इमारत है, जो शिपोश पहाड़ के सबसे अंदरूनी भाग में है। इस स्थान से कैस्तहैय, तिहान्य और बालाटोन के पहाड़ दिखाई देते हैं।
इमारत का इतिहास बहुत मनभावन और अजीब है, क्योंकि क्रिसा विला अनंत प्रेम का प्रतिरूप है।
मैंने अपने दोस्तों के साथ फोन्योद में गर्मी की छुट्टियों का एक हफ्ता बिताया और क्रिसा विला भी देखी।
एक गाइड ने इमारत का इतिहास बताया, जो मुझे बहुत अच्छा लगा। कहानी बीसवीं शताब्दी के शुरु की है। ट्रांसिल्वैनिया के कोलोजवार में एक खबरुद्बान्य ऊदून नामक एक युवक एक सुंदर लड़की हेग्दुस के प्रेम में पड़ गया। पर विवाह से एक हफ्ता पहले हेग्दुस अचानक मर जाती है। खबरुद्बान्य- ऊदून का प्रेम इतना प्रबल था कि उसने हेग्दुस की याद में एक संग्रहालय बनवाया। संग्रहालय बनवाने से पहले वह बहुत खोज करता है क्योंकि इमारत के लिए सर्वश्रेष्ठ जगह चाहता है। अंततः क्रिसा विला फोन्योद में बनाया जाता है। ऊदून हेग्दुस की राख ट्रांसिल्वैनिया से विला में लाना चाहता है पर द्वितीय विश्व युद्ध के बाद क्रिसा विला सरकारी संपत्ति हो गई। खबरुद्बान्य ऊदून ट्रांसिल्वैनिया वापस लौट गया।
आजकल यह संग्रहालय पर्यटकों के लिए प्यारी जगह है, पर यह बहुत प्रसिद्ध नहीं है। इमारत के तहखाने में पत्थर की एक मूर्ति है, जो एक बड़ा बिस्तरवाला पलंग है। इस पर खबरुद्बान्य ऊदून और हेग्दुस लेटे हुए सो रहे हैं।

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