फ्रायड जूजा--
मेरी प्रिय किताब ‘मेरे दिल की बहन’ है, जिसे चित्रा बैनर्जी दिवकरुनि ने लिखा है। वैसे वह मेरी प्रिय लेखिका हैं, जिन्होंने ‘मसाला की राजकुमारी’ और ‘सपनों की रानी’ भी लिखा है।
‘मेरे दिल की बहन’ की दो नायिकाओं के नाम अंजू और सुधा हैं। वे चचेरी बहनें हैं उनके उनके पिता मर गए हैं। अंजू की माता परिवार की देखभाल करती हैं। सुधा खूबसूरत, मददकरनेवाली और गंभीर लड़की है। अंजू होशियार और जिद्दी लड़की है। वह जो सोचती है वही कहती है। एक दिन वे दोनों छिपकर सिनेमा गईँ। वहाँ सुधा एक लड़के से मिली। सुधा को उससे प्यार हो गया। लेकिन अंजू की माता बहुत बीमार हुईं। इसलिए माताओं नें लड़कियों की शादी का इंतजाम किया। सुधा को अशोक को और अंजू को विश्वविद्यालय को भूलना पड़ा।
सुधा एक छोटे शहर के कठोर और परंपरागत परिवार की बहू बनी। अंजू अपने पति के साथ अमेरिका गई।
फिर एक दिन समस्या सामने आई। उनको पता चला कि दूरियों के बावजूद उनका रिश्ता अटूट है। वे सिर्फ मिलकर परेशानी का हल कर सकती हैं।
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