विक्टोरिया उरबान--
मैं आजकल सल्मान रशदी की एक किताब पढ़ती हूँ।
मैंने सोचा कि उसके बारे में हिंदी में लिखूँ।
वह क मशहूर लेखक हैं।
जब वह 13 साल के थे, पिता ने पारिवारिक घर बेच दिया।
इससे सल्मान रशदी बहुत नाराज थे, क्योंकि मुंबई से पाकिस्तान जाना पड़ा।
लेखक कुछ दिन वहाँ रहा फिर लंदन में बस गया।
उनकी दूसरी किताब प्रसिद्ध हुई- Midnight’s Children (ठीक आधी रात के बच्चे)
इस कहानी में एक लड़का है जो भारत के विभाजन के क्षण में पैदा हुआ था।
मैं उनकी तीसरी कहानी पढ़ती हूँ, उसका शीर्षक- Shame (शर्म) है।
इस किस्से में एक बड़ा परिवार है, जहाँ यथार्थ और कल्पना का मिश्रण है। मुझे बहुत पसंद है।
उसका अगला उपन्यास ‘कलंक’, क्योंकि मुसलमान नेताओँ ने किताब मना की। यह मुख्य रूप से फारसी (ईरान के) धर्म के खिलाफ है।
लेखक को छिपना पड़ा।
अंत में किसी ने चोट नहीं पहुँचाई।
अब वह न्यूयॉर्क में अपने परिवार के साथ रहता है।
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