लोकताश बोरी--
यात्रा करना मेरा शौक है। कारण मैं सोचती हूँ कि इसके बहुत लाभ हैं। सफ़र करके हम किसी भी अपरिचित देश को जान सकते हैं। किसी भी देश की संस्कृति, कला, संगीत, वास्तुकला, ललित कला, भोजन और भाषा से परिचित हो सकते हैं। यात्रा के दौरान पूरे देशा का वातावरण अनुभव कर सकते हैं। इस तरह यात्रा करने से हमें अनेक नई चीजों के बारे में पता चल सकता है। इससे हमारा दृष्टिकोण व्यापक होता है।
संयोग से आजकल प्रायः सब देशों में यात्रा करना संभव है। हम एक कंप्यूटर और क्रेडिट कार्ड की सहायता से पूरे सफर की योजना बना सकते हैं। भाग्य और कुशलता के साथ हम बहुत कम पैसे में यात्रा कर सकते हैं।
अब तक मैंने सिर्फ यूरोप में यात्रा की है। मैं पहले अपने परिवार के साथ, बाद में स्कूल में और आजकल अपने मित्रों के साथ या अकेले ही यात्रा करती हूँ। मैं यूरोप के विभिन्न क्षेत्रों में जा चुकी हूँ- उत्तर में- फिनलैंड, स्वीडन और एस्टोनिया, पश्चिम में- फ्रांस, इंग्लैंड और जर्मनी, मध्य में ऑस्ट्रिया, चेक गणराज्य, क्रोएशिया, स्लोवाकिया, यूक्रेन और रोमानिया और दक्षिण में इटली।
मुझे गर्मियों में अपने दोस्तों के साथ यात्रा करना पसंद है। इन यात्राओं में यूरोप की अलग-अलग विशेषताओँ से परिचित हुई। उत्तर के लोग गहरे होते हैं, पश्चिम में ज्यादा संतुष्ट और प्रसन्न, मध्य के लोग ज्यादा व्यावहारिक होते हैं और दक्षिण के प्रसन्न। मुझे अफसोस है कि मैं किसी और महाद्वीप पर नहीं गई।
मेरी मनपसंद यात्रा पिछले साल गर्मियों में हुई। मैं बालाटन के किनारे पर गई थी। हम सब लोग अपने एक दोस्त के परिवार के साथ थे। वहाँ हमने एक हफ्ता बिताया था। हम लोग हर रोज नाश्ता करने के बाद बालाटन के किनारे पर बैठते थे, धूप खाते थे, तैरते थे और आराम करते थे। दोपहर के समय हम लोग खाना पकाते थे, फिर खाना खाते थे और फिर बालाटन के पहुँच जाते थे। रात का खाना खाने के बाद देर रात तक बाल्कनी में बैठकर बातचीत करते थे और बहुत हँसते थे। इसलिए पड़ोसी को हम अच्छे नहीं लगते थे। इस दौरान हमने एक सहेली का जन्मदिन शियफोक में मनाया। हम लोग रेलगाड़ी से शियोफोक गए। वहाँ जन्म दिन मनाने के लिए एक अच्छा स्थान खोजा। झील के तट पर घूमे। इसके बाद हम सब लोग एक क्लब में घुस गए। वहाँ सूर्योदय तक मनोरंजन किया। इसके बाद रेल से वापस लौट आए।
यह यात्रा विशेष और रोचक नहीं थी पर इस यात्रा में हमने बहुत मनोरंजन किया और एक दूसरे का प्यार मिला। हम अब भी इस यात्रा के बारे में चर्चा करते हैं और खुश होते हैं।
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